द्रोपदी के इस शाप की वजह से कुत्ते खुले में सहवास करते हैं
द्रौपदी का विवाह पांच पांडवो के साथ हुआ था, द्रोपदी का एक नियम था, जब वह पांच पांडवों में से किसी एक के साथ हो तो वह अपनी चरण पदुका कक्ष के बाहर उतारे जिससे कि , दूसरे पाण्डव कक्ष में प्रवेश ना करे, द्रोपदी जब युधिष्ठिर के साथ कक्ष में थी
तब , बाहर एक कुत्ता युधिष्ठिर की पादुका उठा कर ले गया, और अर्जुन ने कक्ष में प्रवेश किया, ऐसा नियम था कि जो भी यह नियम तोड़ेगा उसे एक वर्ष के लिए वनवास जाना होगा, जब अर्जुन ने बताया कि कक्ष के बाहर पादुका नही थी, तब खोजने पर सारा वृतांत पता चला ।
तब द्रौपदी ने कुत्ते को श्राप देते हुए कहा- जिस तरह आज मुझे सहवास करते हुए किसीने देख लिया, ऐसे ही तुम्हे भी सारी दुनिया देखेगी ।